Close

    प्राचार्य

    स्वामी विवेकानंद के शब्द “उठो! जागो! और तब तक न रुकें जब तक मंजिल नहीं पहुंच जाए” हमारे आदर्श वाक्य और प्रेरणा का स्रोत हैं, जो हमेशा हमारे बच्चों को उनके जीवन भर प्रेरित करेंगे।

    यह सही कहा गया है कि “शिक्षा का पूरा उद्देश्य यह है कि बच्चा यह सोचे, न कि यह सोचे कि उसे क्या सोचना चाहिए।”
    हमारा लक्ष्य है कि हम अपने छात्रों को इतना सक्षम बना सकें कि वे आत्मनिर्भर और आत्म-प्रबंधित व्यक्ति बन सकें, जो जीवन की चुनौतियों का सामना बिना डगमगाए कर सकें। हम मुख्य रूप से अपने छात्रों को इस तरह से तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, ताकि वे योग्य नागरिक बन सकें, जिनका हृदय और मस्तिष्क शुद्ध हो और वे सर्वोत्तम लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम हों।